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दलित समुदाय को अभी भी मंदिर जाने की अनुमति नहीं, क्या मैं उन्हें राममंदिर में बर्दाश्त होता - मल्लिकार्जुन खड़गे

 19 Apr 2024

पीएम मोदी की ओर से राममंदिर उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किये गये कांग्रेस नेताओं के न जाने को चुनावी मुद्दा बनाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे  ने  तीखा पलटवार किया है। दलित वर्ग से आये खड़गे ने कहा कि आज भी दलितों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। दलित होने के कारण ही भाजपा ने भारत के दो राष्ट्रपतियों (रामनाथ कोविंद, द्रौपदी मुर्मू) का कई बार अपमान किया। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। कांग्रेस ने कभी अपने सदस्यों को आस्था के विरुद्ध जाने के लिए नहीं बोला है। खड़गे ने ये बातें अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के ‘आईडिया एक्सचेंज’ के कार्यक्रम में कही।



अनुसूचित जाति के साथ अभी भी भेदभाव 

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज भी अनुसूचित जाति के साथ देश में भेदभाव होता है। भाजपा ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ भी अक्सर भेदभाव किया है। उन्होंने पूछा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नये संसद भवन की आधारशिला क्यों नहीं रखने दी गयी? राष्ट्रपति मुर्मू को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए क्यों नहीं बुलाया गया जबकि राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है?  उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे अनुसूचित जाति(एससी) और अनुसूचित जनजाति(एसटी) से आते है। खड़गे ने भाजपा को घेरते हुए पूछा, ‘आप जान बूझकर हमें (दलितों) को  अपमानित करते हैं, और सबको बोलते रहते हैं कि कांग्रेस से कोई राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आया।"   


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज भी दलित समुदाय के लोगों को गाँव के छोटे-छोटे मंदिरों में तक में जाने नहीं दिया जाता है, राममंदिर में तो प्रवेश करने की बात बहुत दूर है। उन्होंने कहा कि दलितों को पीने का पानी तक नहीं दिया जाता है, शिक्षा के संस्थानों में प्रवेश नहीं करने दिया जाता, एक दलित दूल्हा जो घोड़ी पर बारात लेकर जा रहा है उसको पीटा जाता है। आज दलितों को अपमानित किया जा रहा है, उन्हें कुचला जा रहा है और उनका शोषण किया जा रहा है।
 


धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए हो रहा है

इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार ने पूछा, ‘क्या कभी कांग्रेस ने प्राणप्रतिष्ठा में शामिल होने के बारे में सोचा?’ इसपर खड़गे ने कहा, ‘यह एक व्यक्तिगत आस्था की बात है’, जिसकी जाने की इच्छा होगी वो कभी भी जा सकता है, इस मामले में कांग्रेस ने कभी किसी को रोका नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी को घेरते हुए खड़गे ने उन पर धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक हितों को साधने के लिए करने का आरोप लगाया। खड़गे ने कहा कि मोदी कोई पुजारी नहीं है, तो फिर उन्होंने मूर्ति स्थापित करने का नेतृत्व क्यों दिया गया? उन्होंने कहा कि मंदिर का एक-तिहाई हिस्सा भी पूरा नहीं हुआ, फिर भी धार्मिक समारोह को राजनीतिक समारोह की तरह पेश किया गया। खड़गे ने भाजपा पर धर्म को राजनीति में शामिल किये जाने का आरोप लगाया है। 


प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं 

खड़गे ने भाजपा के ‘400 पार’ नारे को लेकर कहा कि मोदीजी की किसी भी बातों पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है। पहले के प्रधानमंत्रियों ने कभी इतना झूठ नहीं बोला जितना आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते हैं।प्रधानमंत्री मोदी हमेशा आँकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। खड़गे ने मोदी पर चुटकी लेते हुए बोला कि, ‘सही हुआ प्रधानमंत्री मोदी 600 पार का नारा नहीं दे रहे हैं, क्योंकि हमारे देश में लोकसभा के लिए चुने जाने वाले उम्मीदवारों के लिए ही 543 सीटें हैं। नहीं तो प्रधानमंत्री 600 पार का भी नारा दे देते।’


खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘400 पार’ वाला नारा कभी पूरा नहीं होगा, ये विपक्ष नहीं बल्कि जनता साबित करके दिखायेगी, क्योंकि आज जनता बदलाव चाहती है। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री को मज़बूरन पार्षदों तक का सम्मान करना पड़ रहा है, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्ट कहते थे उनको आज भाजपा में शामिल किया जा रहा है, क्योंकि भाजपा चुनाव के परिणामों को लेकर घबरायी हुई है। 


खड़गे ने कहा कि ‘इंडिया गठबंधन’ उतनी सीटें जीतेगा, जितनी भाजपा को हराने के लिए काफ़ी होगी।



 ‘संविधान बदले’ जाने के सवाल पर खड़गे 

जब प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर पूछा गया तो खड़गे ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के पहले ही दो-तिहाई सीटें लोकसभा के लिए माँग रही है, ताकि संविधान को बदला जा सके, और इसपर मोदी जी चुप हैं? अगर ये सच नहीं है तो मोदी जी उन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं, जिन्होंने संविधान बदलने की बात कही है। क्या संविधान बदलने की बात करना देशद्रोह नहीं है? भाजपा द्वारा संविधान को बदले जाने का मक़सद कमज़ोर लोगों (एससी, एसटी, पिछड़ा) और महिलाओं के अधिकारों को छीनना हैं, जो हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।